Considerations To Know About Shiv Chalisa
Considerations To Know About Shiv Chalisa
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दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
तदा एव काश्चन परीक्षाः समाप्ताः भवन्ति।
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
गले रुण्डमालं तनौ सर्पजालं महाकालकालं गणेशाधिपालम् ।
त्रिपुरासुरेण सह युद्धं प्रारब्धम् ।
शिव आरती
लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं check here मोह – तम – भूरि – भानुं ।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं।।
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
चालिसा भगवान शिवाशी मजबूत आध्यात्मिक संबंध निर्माण करण्यास मदत करते. दररोज श्री शिव चालिसाचा जप केल्याने भक्ताला शांती, आंतरिक शक्ती आणि आध्यात्मिक वाढ मिळेल.